वैकुंठ एकादशी का मतलब है 'विष्णु पद' और इसे भगवान विष्णु की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे 'मोक्षदा एकादशी' भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति का वचन है। इस साल, वैकुंठ एकादशी 2023 का महत्व और उत्सव अत्यंत उच्च हैं जिसे लोग बड़े श्रद्धा भाव से आचरण कर रहे हैं।
यह पर्व भारत के विभिन्न हिस्सों में विशेष रूप से मनाया जाता है, लेकिन सबसे अधिक धूमधाम से इसे तिरुपति, वृंदावन, अहमदाबाद, और रायपुर में मनाया जाता है। यहां लोग भगवान की विशेष पूजा अर्चना के साथ अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं और विशेष रूप से इस दिन महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं।
वैकुंठ एकादशी का आयोजन संगीत, नृत्य, और भक्ति भावना के साथ किया जाता है। भगवान के नाम की माला, भजन, और कथा के माध्यम से लोग इस दिन को सांस्कृतिक धारा के साथ जोड़ते हैं। इसके अलावा, भगवान की विशेष पूजा और आरती भी की जाती है, जो भक्तों को शांति और सुख की प्राप्ति की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।
वैकुंठ एकादशी का अद्वितीय महत्व इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि 'मोक्षदा एकादशी', 'मुकुटोत्सव', और 'स्वर्गवासिनी एकादशी'। इस दिन का आयोजन इतिहास से भी गहरा रिश्ता रखता है, जिसमें कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने इस दिन आकाशीय द्वार वैकुंठ का दरबार खोला था। इसलिए, भक्तों का यह विश्वास है कि इस दिन उनकी पूजा और व्रत से उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
वैकुंठ एकादशी का आयोजन विभिन्न भारतीय राज्यों में विभिन्न रूपों में होता है। उत्तर भारतीय राज्यों में यह दिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि दक्षिण भारतीय राज्यों में इसे सांस्कृतिक रूप से मनाने का अद्वितीय अंदाज होता है। यहां लोग विशेष रूप से मन्दिरों में भगवान की पूजा अर्चना करते हैं और भक्ति भावना से दिन को गुजारते हैं।
इस वर्ष, वैकुंठ एकादशी 2023 का आयोजन विशेष रूप से सांस्कृतिक गतिविधियों और धार्मिक समारोहों के साथ हो रहा है। लोग घरेलू पूजा और अर्चना के लिए विशेष रूप से तैयारी कर रहे हैं और अपने परिवार के साथ इस पवित्र दिन को मना रहे हैं।
वैकुंठ एकादशी के मौके पर लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं भेजते हैं और मिलनसर माहौल में देवी-देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस दिन को अपने प्रियजनों के साथ मिलकर बिताने का भी विशेष महत्व है, जिससे परिवार के बंधन मजबूत होते हैं और समृद्धि बढ़ती है।
वैकुंठ एकादशी के दिन, लोग विशेष रूप से व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इसके लिए विशेष रूप से तैयार किए गए प्रसाद और भोग को भगवान की आराधना के लिए समर्पित किया जाता है। व्रत के दौरान, भक्तों को नमकीन और उपवासी आहार का पालन करना सुझाया जाता है, जिससे उनका शारीरिक और आध्यात्मिक उन्नति हो।